All India tv news। उत्तराखंड के बागेश्वर जिले की गरुड़ तहसील में स्थित कज्युली गांव लोकतंत्र की एक अनोखी मिसाल पेश कर रहा है। इस गांव में पिछले 63 वर्षों से ग्राम प्रधान का चुनाव निर्विरोध होता आ रहा है, जहां ग्रामीण आपसी सहमति से अपने प्रधान का चयन करते हैं।
कज्युली गांव की विशेषताएं:-
निर्विरोध चुनाव- कज्युली गांव में 1962 से अब तक आठ ग्राम प्रधान निर्विरोध चुने जा चुके हैं।
आपसी सहमति- ग्रामीण आपसी सहमति से प्रधान का चयन करते हैं, जिससे गांव में गुटबाजी और विवाद की स्थिति नहीं होती।
मूलभूत सुविधाएं- गांव में बिजली, पानी, सड़क और संचार जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं।
सरकारी योजनाओं का लाभ- ग्रामीण सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं।
सामूहिक गतिविधियां- गांव में होली और सामूहिक पूजा जैसे आयोजनों में ग्रामीण एकजुट होते हैं।
ग्रामीणों की एकता का कारण:-
आपसी प्रेम और विश्वास - ग्रामीणों का आपसी प्रेम और विश्वास इस एकता का मुख्य कारण है।
सामूहिक निर्णय - ग्रामीण सामूहिक निर्णय लेते हैं, जिससे गांव का विकास सुनिश्चित होता है।
गुटबाजी से मुक्ति - निर्विरोध चुनाव के कारण गांव गुटबाजी से मुक्त रहता है, जिससे विकास कार्य बाधित नहीं होते।
आने वाले चुनाव:-
निर्विरोध प्रधान - इस बार भी कज्युली गांव में ग्राम प्रधान का चुनाव निर्विरोध होने की संभावना है।
ग्रामीणों की तैयारी - ग्रामीण आपसी सहमति से अपने अगले प्रधान का चयन करने की तैयारी कर रहे हैं।
कज्युली गांव की यह अनोखी पहल लोकतंत्र की एक नई दिशा दिखा रही है, जहां ग्रामीण आपसी सहमति और एकता के साथ अपने गांव का विकास सुनिश्चित कर रहे हैं।