All India tv news। केरल की बेटी स्वप्ना ऑगस्टीन ने अपनी अद्वितीय प्रतिभा से दुनिया को चकित कर दिया है। जन्म से ही बिना हाथों के होने के बावजूद, स्वप्ना ने अपने पैरों का उपयोग करके पेंटिंग करना सीखा और आज वह एक प्रसिद्ध कलाकार हैं।
संघर्ष की कहानी :-
स्वप्ना की कहानी संघर्ष और हिम्मत की मिसाल है। डॉक्टरों ने उनके माता-पिता को बताया था कि उनकी बेटी शायद कभी सामान्य जिंदगी नहीं जी पाएगी। लेकिन स्वप्ना ने अपने माता-पिता और शिक्षकों के सहयोग से अपने पैरों को अपनी ताकत बनाया।
अंतरराष्ट्रीय पहचान :-
स्वप्ना ऑगस्टीन ने अपनी पेंटिंग्स के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। वह एमएफपीए (माउथ एंड फुट पेंटिंग आर्टिस्ट्स) की सदस्य हैं और उनकी पेंटिंग्स को विश्वभर में प्रशंसा मिली है।
पुरस्कार और सम्मान :-
स्वप्ना को उनके कार्यों के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं। वर्ल्ड मलयाली फाउंडेशन ने उन्हें "आइकन ऑफ द ईयर 2018" अवार्ड से सम्मानित किया है।
प्रेरणा का स्रोत :-
स्वप्ना ऑगस्टीन की कहानी उन लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो अपने जीवन में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उनकी कहानी बताती है कि अगर दिल में कुछ करने की चाह हो तो कोई भी चुनौती असंभव नहीं है।
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