All India tv news। संत प्रेमानंद का काफिला हर रोज रात दो बजे पदयात्रा करते हुए श्रीराधाकेलि कुंज के लिए निकलता है। उस समय हजारों की संख्या में श्रद्धालु सड़क किनारे खड़े होकर उनके दर्शन करते हैं। कुछ भक्तों द्वारा भजन कीर्तन किया जाता है तो कोई पटाखे चलाकर संत प्रेमानंद का स्वागत करते हैं। तब रात के दो बजे दिन जैसा उजाला होता है।
इन सब आवाजों की वजह से रास्ते में पड़ने वाली कॉलोनियों के लोगों की नींद में खलल पड़ने के कारण कलोनिवासियों ने प्रेमानंद की रात्रि पदयात्रा का विरोध किया है।
संत प्रेमानंद श्रीकृष्ण शरणम कॉलोनी स्थित अपने आवास से अपने शिष्यों के साथ पदयात्रा करते हुए प्रेममंदिर के पीछे से होते हुए रमणरेती स्थित श्रीराधा केलिकुंज के लिए रात दो बजे निकलते हैं।
इस पदयात्रा के दौरान बीच में पड़ने वाली एनआरआइ ग्रीन कॉलोनी के निवासियों ने पदयात्रा में तेज आवाज के साथ चलाये भजनों की धुन के साथ भक्तों द्वारा चलाए जाने वाले पटाखों की आवाज से परेशान होकर इसका विरोध किया है। कालोनी की महिलाओं ने हाथ में तख्तियां लेकर संत प्रेमानंद की पदयात्रा का विरोध किया है।
विरोध करने वाली महिलाओं के अनुसार पदयात्रा के दौरान भजनों और पटाखों की आवाज काफी तेज होती है जिससे बच्चों और बीमार बुजुर्गों को दिक्कत होती है। इसके अलावा इन आवाजों से नौकरीपेशा लोगों की नींद खराब होती है जिसकी वजह से उनके काम पर असर पड़ रहा है। इसलिए इन महिलाओं द्वारा संत प्रेमानंद की रात्रि पदयात्रा को बन्द करने की अपील की गई है।
वहीं दूसरी तरफ आश्रम की ओर से कहना है कि पदयात्रा के दौरान सड़क किनारे खड़े होकर भजन-कीर्तन करने वाले भक्तों से संत प्रेमानंद और उनके अनुयायी व आश्रम से कोई भी लेना-देना नहीं है।
आश्रम द्वारा किसी भी तरह की ध्वनि प्रदर्शन करने के लिए हमेशा मना किया जाता रहा है।