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उत्तराखंड के देहरादून जिले के चकराता क्षेत्र के खाटुवा गाँव के रहने वाले राहुल राणा ने अपनी मेहनत और लगन से एक नई उपलब्धि हासिल की है। इंग्लैंड से पीएचडी करने के बाद अब राहुल का चयन स्वीडन के चाल्मर्स यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, गोथेनबर्ग में पोस्टडॉक्टरल रिसर्चर पद पर हुआ है।
शिक्षा और उपलब्धियाँ:–
राहुल राणा ने अपनी प्राथमिक शिक्षा गाँव के स्कूल से प्राप्त की और इंटरमीडिएट की पढ़ाई महर्षि अरविंद घोष इंटर कॉलेज, डाकपत्थर से पूरी की। इसके बाद उन्होंने 2018 में IISER मोहाली से BS-MS (भौतिकी) की डिग्री हासिल की। राहुल ने ISRO, भारतीय ताराभौतिकी संस्थान और रामन अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु में प्रशिक्षण भी प्राप्त किया।
अंतरराष्ट्रीय पहचान:–
राहुल ने 2021-25 के बीच इंग्लैंड के लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी से आकाशगंगाओं के निर्माण व विकास पर पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। इस दौरान उन्होंने स्कॉटलैंड, फ्रांस, वेल्स और इंग्लैंड जैसे देशों में अपना शोध प्रस्तुत कर जौनसार-बावर की पहचान को अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुँचाया।
परिवार और प्रेरणा:–
राहुल अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता सैजराम राणा और मुन्नी देवी, गुरुजनों, परिवार व मामा पक्ष को देते हैं। उनकी बहनें भी शिक्षा व विज्ञान के क्षेत्र में सक्रिय हैं - सुमित्रा देहरादून से पीएचडी कर रही हैं और सीमा राणा विज्ञान शिक्षिका हैं।
प्रेरणादायक उपलब्धि:–
राहुल राणा की यह उपलब्धि हर युवा के लिए प्रेरणा है। कठिन परिस्थितियों से निकलकर भी यदि दृढ़ निश्चय हो, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं। जय महासू महाराज! जय जौनसार-बावर!