All India tv news। सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि शिक्षक बनने या प्रमोशन पाने के लिए टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) पास करना अनिवार्य होगा। यह नियम उन शिक्षकों पर भी लागू होगा जो पहले से ही सेवा में हैं।
क्या है टीईटी?
टीईटी एक राष्ट्रीय स्तर की पात्रता परीक्षा है जो यह निर्धारित करती है कि अभ्यर्थी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षक बनने के लिए योग्य है या नहीं। यह परीक्षा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) द्वारा आयोजित की जाती है।
कौन होंगे प्रभावित?
- जिन शिक्षकों की सेवा अवधि पांच साल से अधिक बची है, उन्हें टीईटी पास करना अनिवार्य होगा।
- जिन शिक्षकों की सेवा अवधि पांच साल से कम बची है, उन्हें टीईटी पास करने की जरूरत नहीं है, लेकिन प्रमोशन के लिए यह आवश्यक होगा।
- अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों के लिए टीईटी अनिवार्यता का मामला बड़ी बेंच के पास भेजा गया है।
क्या है कोर्ट का आदेश?
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जो शिक्षक टीईटी पास नहीं कर पाएंगे, वे या तो सेवा छोड़ सकते हैं या अनिवार्य सेवानिवृत्ति लेकर टर्मिनल बेनिफिट्स प्राप्त कर सकते हैं। यह आदेश शिक्षा प्रणाली में गुणवत्ता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।