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अन्न माँ अन्नपूर्णा टिफिन सेवा

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इसलिए कहा जाता है भारत को विश्व गुरु।


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भारतीय संस्कृति के गौरव को समझते हैं।

1. अंको का अविष्कार 307 ई. पूर्व भारत में हुआ

2. शून्य का अविष्कार भारत में आर्यभट्ट ने किया

3. अंकगणित का अविष्कार पूर्व भास्कराचार्य ने किया

4. बीज गणित का अविष्कार भारत में आर्यभट्ट ने किया

5. सर्वप्रथम ग्रहों की गणना आर्यभट्ट ने 499 ई. पूर्व में की

6. भारतीयों को त्रिकोणमिति व रेखागणित का 2,500 ई.पूर्व से ज्ञान था

7. समय और काल की गणना करने वाला विश्व का पहला कैलेण्डर र भारत में लतादेव ने 505 ई. पूर्व सूर्य सिद्धान्त नामक अपनी पुस्तक में वर्णित किया 

8. न्यूटन से भी पहले गुरूत्वाकर्षण का सिद्धान्त भारत में भास्कराचार्य ने प्रतिपादित किया

9. 3,000 ई. पूर्व लोहे के प्रयोग के प्रभाव वेदों में वर्षित है अशोक स्तम्भ इसका स्पष्ट प्रमाण है

10. लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस् के अनुसार 400 ई. पूर्व सुश्रूत (भारतीय चिकित्सक) द्वारा सर्वप्रथम प्लास्टिक सर्जरी का प्रयोग किया गया

11. विश्व का पहला विश्वविद्यालय तक्षशिला के रूप में 700 ई. पूर्व भारत में स्थापित था जहाँ दुनिया भर के 10,500 विद्यार्थी 60 विषयों का अध्ययन करते थे

12. सूर्य से पृथ्वी पर पहुँचने वाले प्रकाश की गति की गणना सर्वप्रथम भास्कराचार्य ने की

13. यूरोपिय गणितज्ञों से पूर्व ही छठी शताब्दी में बोद्धायन ने पाई के मान की गणना की जो की पाइथोगोरस प्रमेय के रूप में जाना जाता है हमारा ज्ञान-विज्ञान एवं इतिहास इतना गौरवशाली एवं समृद्ध है 

14. दुनिया का पहला संवत्-"विक्रम संवत्" पूरे एशिया से शकों को परास्त करते हुये अवन्ति के चक्रवर्ती सम्राट "विक्रमादित्य महान" ने प्रवर्तित किया। जो ईसा पूर्व 56 से आरम्भ हुआ। इसका उल्लेख जूलियस सीज़र के रोम के ऐतिहासिक तिथिक्रम में भी है। सम्राट गदाफेरिज के लेख में भी विक्रम संवत् का उल्लेख ज्यू ग्रन्थ अनुसार मिलता है इससे विक्रम संवत् की विश्व व्यापकता स्पष्ट होती है

15. महान वैज्ञानिक डां.जगदिशचन्द्र बसु ने ही पहला वायरलेस कम्युनिकेशन का अविष्कार किया जो बाद में विकसित होता चला और आज मोबाइल, इण्टरनेट आदि के रूप में विकसित हुआ

16. सूर्य किरण में सात रंग है यह डां. सी. व्ही. रमन ने पहली बार दुनिया को बताया 19 वीं सदी में यह दुनिया ने जाना और scattering of lights के सिध्दान्त पर उन्हें नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। लैकिन उससे भी गर्व और हैरानी की बात है कि "तैत्तिरीय संहिता" नामक प्राचीन ग्रन्थ को "सप्त-रश्मी" कहा गया है। यानी तैत्तिरीय संहिता के लेखक ऋषि वैज्ञानिक, सी. वी. रमन से पहले ही उनकी Theory समझ चुके थे और उस ज्ञान विज्ञान के ज्ञाता थे

17. सबसे पहला अर्थशास्त्र भारत में लिखा गया। कौटिल्य दुनिया के पहले अर्थशास्त्र नामक पुस्तक लिखने वाले आचार्य थे

18. दुनिया का पहला संविधान भारत ने ही लिखा राजा मनु इसके रचयिता थे और वेद आधार था इसका नाम मनुस्मृति था। यह राजनितीशास्त्र का पहला महान ग्रन्थ है। अंग्रेज़ी षड्यन्त्र के तहत मैक्समूलर के हाथो इसे अंग्रेज़ों ने लिखवाकर इसमें तोडमरोड़ की और तथ्यों को बदल दिया

19. नाव का अविष्कार और सोने के सिक्कों का चलन में प्रचलन आर्यावर्त की ही देन है

20. पारा (mercury) बनाने की विधियाँ वैज्ञानिक नागार्जुन एवं महर्षि चरक ने सर्वप्रथम दुनिया को दी

21. एक्यूप्रेशर चिकित्सा जो आज चीन में भी विकसित है, वह तक भारत की ही देन है2

2. बोधिवर्मन की मार्शल आर्ट प्रणाली भारत की ही प्राचीन देन है स्वयं श्रीकृष्ण इसमें निष्णात और पारंगत योध्दा थे उन्होंने इसी के प्रयोग द्वारा कंस के बलाढ्य पहलवान मार गिराये...!!


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