All India tv news। बिहार के गया में स्थित जनार्दन मंदिर एक ऐसा अनोखा स्थल है, जहां जीवित व्यक्ति स्वयं अपने लिए पिंडदान कर सकता है। यह मंदिर भस्मकूट पर्वत पर बना है और वास्तुकला की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां भगवान विष्णु जनार्दन रूप में विराजमान हैं।
जीते जी पिंडदान की परंपरा :-
जनार्दन मंदिर में जीते जी पिंडदान करने की परंपरा खास परिस्थितियों में निभाई जाती है। जिन लोगों की संतान नहीं होती और जिनके बाद कोई पिंडदान करने वाला नहीं रहेगा, वे लोग यहां अपना श्राद्ध करते हैं। इसके अलावा, वे लोग भी यहां पिंडदान करते हैं जो वैराग्य या संन्यास ले चुके होते हैं या जीवन-मरण के बंधन से मुक्ति पाना चाहते हैं।
पितृपक्ष के दौरान उमड़ती है भीड़:-
पितृपक्ष के दौरान इस मंदिर में देशभर से श्रद्धालु आते हैं और भारी भीड़ उमड़ती है। श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां पिंडदान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है।
मंदिर का महत्व:-
जनार्दन मंदिर का महत्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से है, बल्कि यह वास्तुकला का भी एक अद्वितीय उदाहरण है। पत्थरों से निर्मित यह मंदिर अपनी विशिष्ट बनावट और ऐतिहासिक महत्व के कारण पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
श्रद्धालुओं की आस्था:-
श्रद्धालुओं की आस्था है कि जनार्दन मंदिर में जीते जी पिंडदान करने से उन्हें आत्मिक शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि लोग बड़ी संख्या में इस मंदिर में आते हैं और अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं।