All India tv news। राज्य में मानव-वन्यजीव संघर्ष की गंभीर होती समस्या और ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) बनाने की प्रक्रिया में बरती जा रही कथित लापरवाही के संबंध में, 'रचनात्मक महिला मंच' ने आज सक्रियता दिखाते हुए सल्ट उप जिलाधिकारी कार्यालय के माध्यम से प्रदेश सरकार को दो अलग-अलग ज्ञापन प्रेषित किए हैं।
पहला ज्ञापन माननीय मुख्यमंत्री को भेजा गया है, जिसमें मंच ने मानव-वन्यजीव संघर्ष से प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल राहत और स्थायी समाधान की मांग की है।
मुख्यमंत्री से की गई प्रमुख मांगें:-
झाड़ी कटान को GPDP में प्राथमिकता:- मंच ने मांग की है कि मानव-वन्यजीव संघर्ष से सर्वाधिक प्रभावित पंचायतों में, ग्राम सभा की मांग पर झाड़ी कटान के कार्यों को ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) में प्राथमिकता के आधार पर शामिल किया जाए। मंच ने उल्लेख किया कि वर्तमान में चल रहे ग्राम स्वराज अभियान के अंतर्गत ग्राम सभाओं में इस कार्य की प्रबल मांग के बावजूद इसे GPDP में शामिल नहीं किया जा रहा है।
सोलर लाइट के लिए अतिरिक्त बजट:- संघर्ष प्रभावित पंचायतों में सुरक्षा के मद्देनजर पर्याप्त संख्या में सोलर लाइट लगाने के लिए पंचायतों को अलग से विशेष बजट आवंटित करने की मांग भी की गई है।
दूसरा ज्ञापन पंचायती राज मंत्री को भेजा गया है, जो ग्राम स्वराज अभियान के तहत चल रही GPDP निर्माण प्रक्रिया में सुधारों पर केंद्रित है।
पंचायती राज मंत्री से की गई प्रमुख मांगें:-
अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित हो: मंच ने इस बात पर जोर दिया है कि GPDP की पारदर्शी और प्रभावी प्रक्रिया समस्त रेखीय (लाइन) विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति के बिना संभव नहीं है। अतः, ग्राम सभा की बैठकों में इनकी उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।
GPDP हेतु कई बैठकें आयोजित हों:- यह तर्क देते हुए कि एक ही बैठक में विस्तृत GPDP बनाना असंभव है, मंच ने व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है कि प्रत्येक पंचायत में 15 से 20 दिन के अंतराल में कम से कम तीन बैठकें आयोजित की जाएं।
'रचनात्मक महिला मंच' ने इन ज्ञापनों के माध्यम से स्थानीय स्तर पर आ रही वास्तविक समस्याओं को उजागर किया है और सरकार से इन जनहित से जुड़े मुद्दों पर शीघ्र कार्रवाई की अपेक्षा की है।


