All India tv news। जयपुर में साइबर ठगी का एक नया मामला सामने आया है, जहां ठग खुद को पुलिस अधिकारी बताकर लोगों को धमकाते हैं और उनके खाते से पैसे निकलवा लेते हैं। इस बार ठगों ने 'डिजिटल अरेस्ट' का तरीका अपनाया है, जिसमें वे लोगों को वीडियो कॉल पर धमकाते हैं और उनके खाते की जानकारी लेकर पैसे निकाल लेते हैं।
कैसे करते हैं ठगी?
ठग खुद को पुलिस या जांच एजेंसी के अधिकारी बताकर लोगों को फोन करते हैं और कहते हैं कि उनका आधार कार्ड, सिम कार्ड या बैंक खाता किसी गैरकानूनी काम में इस्तेमाल हुआ है। इसके बाद वे लोगों को वीडियो कॉल पर धमकाते हैं और उनके खाते की जानकारी लेकर पैसे निकलवा लेते हैं।
ऐसे बचें ठगी से :-
* कभी भी किसी अज्ञात व्यक्ति को अपनी निजी जानकारियां न दें।
* अगर आपको ऐसा कोई फोन आता है, तो तुरंत पुलिस या साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं।
* अपने बैंक खातों और सोशल मीडिया अकाउंट्स के पासवर्ड समय-समय पर बदलते रहें।
* किसी भी तरह के संदिग्ध लिंक या मैसेज पर क्लिक न करें।
क्या है डिजिटल अरेस्ट?
डिजिटल अरेस्ट एक तरह की साइबर ठगी है, जहां ठग लोगों को वीडियो कॉल पर धमकाते हैं और उनके खाते की जानकारी लेकर पैसे निकलवा लेते हैं। इस तरह की ठगी में ठग खुद को पुलिस या जांच एजेंसी के अधिकारी बताते हैं और लोगों को डराकर उनके पैसे निकलवा लेते हैं।

