All India tv news। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय में मिड-डे मील योजना के कार्यान्वयन में एक चौंकाने वाला और गंभीर कदाचार सामने आया है, जिसके बाद हड़कंप मच गया है। मनकापुर ब्लॉक के एक प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक को कथित तौर पर बच्चों को परोसे गए अंडे की तस्वीर लेने के तुरंत बाद उन्हें वापस लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
जिला प्रशासन को मिली शिकायतों और सोशल मीडिया पर प्रसारित तस्वीरों के अनुसार, मनकापुर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने मिड-डे मील के मेनू में शामिल अंडे को बच्चों को वितरित किया। आरोप है कि यह वितरण केवल एक 'फोटो-सेशन' था। जैसे ही स्थानीय अधिकारियों या संबंधित विभाग को दिखाने के लिए बच्चों के साथ अंडे की तस्वीरें खींची गईं, प्रधानाध्यापक ने कथित तौर पर बच्चों से अंडे वापस ले लिए।
यह घटना मिड-डे मील के दिशानिर्देशों का घोर उल्लंघन है, जिसका उद्देश्य सरकारी स्कूलों में नामांकित बच्चों के पोषण स्तर में सुधार करना है।
प्रशासन की कार्रवाई :-
मामले की गंभीरता को देखते हुए, गोंडा जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) ने तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की। शुरुआती जांच और आरोपों की पुष्टि के बाद, आरोपी प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया गया है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी ने मीडिया को बताया, "हमें शिकायत मिली थी कि प्रधानाध्यापक ने सिर्फ रिकॉर्ड रखने या अधिकारियों को दिखाने के लिए अंडे बांटे, और बाद में उन्हें वापस ले लिया। यह एक गंभीर अनुशासनहीनता और बच्चों के साथ धोखाधड़ी का मामला है। जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषी प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया गया है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और बच्चों को उनका निर्धारित पोषण आहार मिले।"
यह घटना मिड-डे मील योजना के तहत पारदर्शिता और निगरानी की आवश्यकता पर गंभीर सवाल खड़े करती है। स्थानीय अभिभावकों और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस कृत्य की कड़ी निंदा की है।

