विलुप्त होते तांबे के बर्तन बनाने की कला को उत्तराखंड में रखा जीवित।

 


All India tv news । आधुनिक मशीनी युग में जहां सब कुछ मशीनों से तैयार होने लगा है वहीं उत्तराखंड में परंपरागत तांबे के बर्तन बनाने की कला को जीवित रखा गया है। उत्तराखंड में इन बर्तनों को कारीगरों के द्वारा अपने हाथों से बनाया जाता है। 

सर्वेक्षणों के अनुसार उत्तराखंड में अल्मोड़ा के बागेश्वर तहसील में मल्ली व तल्ली खरे के अंतर्गत बीस गावों में आज भी परंपरागत तरीके से तांबे के बर्तन बनाये जाते हैं। इसी प्रकार पिथौरागढ जनपद के गंगोलीहाट, थल और बेरीनाग आदि में लगभग 94 परिवार पूरी तरह से तांबे के बर्तन बनाने की इस कला को जीवित रखे हुए हैं। 

अनुमान के अनुसार केवल अल्मोड़ा जनपद में ही तांबे के बर्तनों की बिक्री लगभग एक करोड़ रुपये प्रतिवर्ष है। इसके अलावा उत्तराखंड के अन्य जिलों में भी लगभग पांच हजार से भी अधिक कारीगरों ने इस हुनर को बचाए रखा है। इन उद्योगों में अधिकतर मजदूरों से काम लेने के बजाय परिवार के सदस्य ही काम करते हैं।


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