भिकियासैण पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधानों को नहीं मिल रहे वार्ड मेंबर, प्रमोद नैलवाल पहुँचे अपने भाई के शपथ ग्रहण समारोह में।

  


All India tv news। उत्तराखंड के भिकियासैंण क्षेत्र में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद एक अजीब स्थिति उत्पन्न हुई है। ग्राम पंचायतों में सदस्य (वार्ड मैम्बर) न चुने जाने के कारण अधिकांश ग्राम प्रधान बिना शपथ लिए केवल नाम के प्रधान रह गए हैं।

वहीं दूसरी ओर क्षेत्र पंचायत प्रमुख के शपथ ग्रहण समारोह के लिए  नव निर्वाचित प्रमुख सतीश नैनवाल समर्थकों की भीड़ के साथ भिकियासैंण बाजार से होते हुए विकासखंड सभागार पहुंचे और शपथ ग्रहण की इस अवसर पर उनके बड़े भाई डॉ प्रमोद नैनवाल विधायक, रानीखेत उनके साथ रहे | 

कारण :-

पलायन : गाँवों में आबादी कम होने के कारण सदस्य बनने के लिए लोग नहीं मिल रहे हैं।

सरकारी नियम : सरकारी नियमों के अनुसार सदस्य बनने के लिए कम से कम 10वीं पास होना आवश्यक है, और तीन बच्चों वाले चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।

प्रभाव :-

ग्राम प्रधानों की शक्तिहीनता : अधिकांश ग्राम प्रधान बिना सदस्यों के अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर पा रहे हैं।

सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन : अधिकारीयों को समझ नहीं आ रहा कि बाकी ग्राम पंचायतों में सरकार की नीतियों और योजनाओं को कैसे क्रियान्वित करेंगे।

आंदोलन और प्रदर्शन :-

प्रदर्शन : नव निर्वाचित प्रमुख सतीश नैनवाल ने अपने समर्थकों के साथ बड़ा जुलूस निकाला और शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया।

मांग : हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों ने सरकार से मांग की है कि पलायन और अन्य चुनौतियों को देखते हुए ग्राम पंचायतों के लिए विशेष प्रावधान किए जाएं।

सरकार की प्रतिक्रिया :-

विचार : सरकार ने इस मुद्दे पर विचार करने का आश्वासन दिया है और ग्राम पंचायतों के लिए विशेष योजनाएं बनाने की बात कही है।

समाधान : सरकार ने ग्राम पंचायतों की समस्याओं का समाधान करने के लिए एक समिति का गठन किया है।

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