उत्तराखंड में फिर बनी 4 साल की बच्ची बाघ का निवाला।

 



All India tv news। उत्तराखंड के पोखड़ा ब्लॉक के श्रीकोट गाँव में एक 4-5 साल की बच्ची को बाघ ने घर की सीढ़ियों से उठाकर मार दिया। इस घटना ने एक बार फिर मानव और वन्यजीवों के बीच टकराव के मुद्दे को उजागर किया है।

प्रशासन और वन विभाग की भूमिका :-

इस घटना के बाद प्रशासन और वन विभाग की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। क्या वन विभाग ने वन्यजीवों की गणना और उनके बदलते व्यवहार के हिसाब से वन्य नीतियों में कोई बदलाव किया है? क्या वन विभाग ने ग्रामीणों को वन्यजीवों से बचाव के लिए कोई प्रशिक्षण या सहायता प्रदान की है?

वन्यजीवों के हमलों को रोकने के उपाय :-

वन्यजीवों के हमलों को रोकने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं, जैसे कि:

- वन्यजीवों के आवास क्षेत्रों में बाड़ लगाना

- ग्रामीणों को वन्यजीवों से बचाव के लिए प्रशिक्षण देना

- वन्यजीवों के हमलों के समय ग्रामीणों को तत्काल सहायता प्रदान करना

सरकार की नीतियों पर सवाल :-

सरकार की वन नीतियों पर भी सवाल उठ रहे हैं। क्या सरकार ने वन्यजीवों के संरक्षण और मानव सुरक्षा के बीच संतुलन बनाने के लिए कोई प्रभावी नीतियां बनाई हैं? क्या सरकार ने वन्यजीवों के हमलों के पीड़ितों को उचित मुआवजा और सहायता प्रदान की है?

ग्रामीणों की मांग :-

ग्रामीणों ने वन प्रबंधन में जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की मांग की है। उनका कहना है कि वन्यजीवों के हमलों को रोकने के लिए सरकार को प्रभावी कदम उठाने चाहिए और ग्रामीणों को वन्यजीवों से बचाव के लिए प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करनी चाहिए। 

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