All India tv news। अल्मोड़ा जिले के रा० ई० का० चौमूधार में एक शिक्षक के परिवारजन की मृत्यु होने पर उन्होंने आकस्मिक अवकाश की अर्जी लगाई, लेकिन प्रधानाचार्य ने अर्जी अस्वीकृत कर दी। क्योंकि शिक्षक ने ना तो पूर्व स्वीकृति ली और ना ही अपने वादन की व्यवस्था की।
क्या यह तर्कसंगत है?
अब सवाल यह उठता है कि क्या मरने वाले व्यक्ति को पहले से ही पता चल जाता है कि वह मरने वाला है? यह एक गंभीर मुद्दा है जिस पर विचार करने की आवश्यकता है। क्या प्रधानाचार्य का फैसला सही है या नहीं, यह जांच का विषय है।
क्या होनी चाहिए कार्रवाई?
इस मामले में जांच की जानी चाहिए और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही, शिक्षकों के अधिकारों और कर्तव्यों को स्पष्ट करने की आवश्यकता है ताकि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों।
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