All India tv news। मकर संक्रांति पर्व का सनातन धर्म में बहुत महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन स्नान, दान और पूजा-पाठ करने से मनुष्य को सुख-शान्ति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस साल 2025 में यह मकर संक्रांति पर्व 14 जनवरी, मंगलवार को मनाया जा रहा है। ज्योषित शास्त्रियों के अनुसार सूर्य के एक राशि से दूसरे राशि में जाने को संक्रान्ति कहते हैं। पृथ्वी की परिक्रमा मार्ग को मेष से मीन तक की बारह राशियों में बाँटा गया है। जैसे ही सूर्य का एक राशि से दूसरे राशि में प्रवेश होता है तो उस समय को संक्रान्ति कहा जाता है। वैसे तो प्रत्येक माह में एक संक्रान्ति पड़ती है और सभी संक्रांतियाँ महत्वपूर्ण होती हैं। परन्तु मकर व कर्क राशि की संक्रान्ति अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि इस समय पर मौसम में परिवर्तन होता है। मकर संक्रांति के दिन से मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाते हैं। मकर राशि में जाने के बाद सूर्य के प्रकाश में गर्मी का प्रभाव धीरे धीरे तेज होगा और फिर गर्मी का मौसम आ जाएगा।
ज्योतिषियों के अनुसार इस बार सूर्य सुबह 8 बजकर 47 पर धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे और संक्रान्ति पुण्यकाल सूर्यास्त तक चलेगा। इस दिन पवित्र नदी में या गंगा जल से स्नान कर सूर्यदेव को अर्घ्य देकर उनकी पूजा की जाती है। मकर संक्रांति के दिन दान का बड़ा महत्व बताया गया है। इस दिन गरीबों को गर्म कपड़े, तिल के लड्डू, खिचड़ी, मूंगफली, दही, चूड़ा और धन का दान करने से व्यक्ति के जीवन में सुख का संचार होता है।
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