All India tv news। फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाए जाने वाले महाशिवरात्रि के इस महापर्व पर देवों के देव महादेव का पूजन अर्चन कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है। इस वर्ष 26 फरवरी की शिवरात्रि दुर्लभ संयोग होने की वजह से भी खास है। इसमें शिव योग और सिद्ध योग का संयोग बताया गया है जोकि भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं। इस दिन शिवभक्तों को उपवास, रुद्राभिषेक और विशेष पूजा-अर्चन के द्वारा शिव की कृपा प्राप्त करनी चाहिए।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह महाशिवरात्रि के दिन ही संपन्न हुआ था। इसलिए इस को बहुत ही पावन माना जाता है।इसके अलावा, एक अन्य कथा के अनुसार इस दिन भगवान शिव ने कालकूट विष का पान कर इस सृष्टि की रक्षा की थी। जिसकी वजह से उनका पूरा शरीर नीला पड़ गया था। इस विष की वजह से उनका शरीर गर्म होने लगा।जिसे ठंडा करने के लिए सभी देवताओं ने शिव के सिर पर पानी डालना शुरू किया।
पुराणों में वर्णित कथाओं के अनुसार भगवान भोलेनाथ श्रद्धा और भक्ति भाव के भूखे हैं। https://youtube.com/shorts/20SiMDg7I3w?si=x1BxRaRFAdaFIKhh
भोलेनाथ तो केवल बेलपत्र, धतूरा, भांग, अक्षत और एक लोटा जल अर्पित करने से ही प्रसन्न हो जाते हैं। भगवान शिव के मंत्र "ऊँ नम: शिवाय" के जप से व्यक्ति को जीवन में सुख-समृद्धि मिलने के साथ ही उसकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
शिवरात्रि पर्व के इस पावन दिन पर शिवभक्त उपवास रखते हैं। शिवरात्रि पर उपवास रखने वाले भक्त सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण कर सच्चे मन से अपना नाम और गोत्र बोलकर व्रत का संकल्प लें। उसके बाद शिव मन्दिर में जाकर शिवलिंग पर जल आदि अर्पित करें और पूरी श्रद्धा और सच्चे मन से रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय जाप के साथ ही शिव चालीसा का पाठ करने से भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है।
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