हाथों से लिखने में असमर्थ तो पैरों से लिखकर JRF में पाया ऑल इंडिया सेकंड रैंक।

 


All India tv news। इरादे अगर मजबूत हों तो इंसान किसी भी बड़े मुकाम को हासिल कर सकता है। मन में दृढ़ संकल्प और मजबूत इरादों के साथ उत्तराखंड की एक बेटी ने दिव्यांग होने के बाद भी ऐसा ही मुकाम हासिल किया है। कर्णप्रयाग की अंकिता तोपाल ने पैरों से लिखकर जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) परीक्षा में ऑल इंडिया सेकंड रैंक हासिल कर एक नया इतिहास बनाया है।

अंकिता दिव्यांग हैं, और बचपन से ही हाथों से लिखने में असमर्थ होने के कारण पैरों से ही लिखाई और पढ़ाई करती है। अंकिता तोपाल के पिता प्रेम सिंह टिहरी आईटीआई में अनुदेशक के पद पर तैनात हैं। अंकिता ने हाईस्कूल तक की शिक्षा देवाल विकासखंड से प्राप्त की और इंटरमिडिएट तक की शिक्षा ऋषिकेश से पूरी कर उच्च शिक्षा देहरादून से प्राप्त की। उन्होंने इतिहास विषय में पीजी किया और अब जेआरएफ परीक्षा में ऑल इंडिया में दूसरी रैंक प्राप्त कर एक नया मुकाम हासिल किया है। 

इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय बाल विज्ञान शोध प्रतियोगिता में राज्य स्तर पर भी प्रतिभाग किया। अंकिता ने दिव्यांग होने के बावजूद भी सफलता हासिल कर सभी के लिए एक आदर्श स्थापित किया है। अंकिता ने अपनी इस सफलता से पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया है। 


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