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नई दिल्ली/अल्मोड़ा: साल 2006 में हुए निठारी कांड ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस मामले में दोषी ठहराए गए सुरेंद्र कोली को 20 साल बाद दोषमुक्त कर दिया गया है। सुरेंद्र कोली अल्मोड़ा के मंगरुखाल का रहने वाला है और उसका परिवार इस खबर से खुशी मनाने की बजाय ग़म में डूब गया है।
सुरेंद्र कोली के परिवार ने 20 साल पहले उसकी माँ की आंखों में देखा था कि उसका बेटा निर्दोष है, लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी। सुरेंद्र कोली के दोषमुक्त होने पर उसके परिवार में खुशी मनाने वाला कोई नहीं है। उसका घर खंडहर हो चुका है और परिवार बिखर चुका है।
सुरेंद्र कोली की माँ ने अपने बेटे के लिए न्याय की गुहार लगाई थी, लेकिन उसकी आवाज़ दब गई। आज जब सुरेंद्र कोली दोषमुक्त हुआ है, तो उसके परिवार को लगता है कि न्याय की जीत हुई है, लेकिन क्या इस जीत से उसके ग़म को कम किया जा सकता है?
सुरेंद्र कोली के परिवार ने कहा कि 20 साल पहले जो हुआ, वो कभी नहीं भुलाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सुरेंद्र कोली को दोषमुक्त करने से पहले जो उसने और उसके परिवार ने सामाजिक प्रताड़ना झेली, क्या उसे कभी लौटाया जा सकता है?
इस मामले में सुरेंद्र कोली के वकील ने कहा कि यह न्याय की जीत है और हमें खुश होना चाहिए कि सत्य की जीत हुई है। लेकिन सुरेंद्र कोली के परिवार के लिए यह खुशी का समय नहीं है, क्योंकि उन्होंने 20 साल पहले जो खोया है, वो कभी नहीं लौटाया जा सकता है।


