All India tv news। उतराखंड के पौड़ी गढ़वाल में आजकल प्लास्टिक के चावलों की मिलावट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। जिसमें एक महिला द्वारा बताया जा रहा है कि उसने सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान से चावल खरीदे थे, जिसमें प्लास्टिक के चावलों की मिलावट की गई है। महिला द्वारा इन चावलों को अलग छाँटकर जब जलाया गया तो चावल पिघल गए। वीडियो के वायरल होने पर खाद्य विभाग द्वारा इस पर स्पष्ट किया गया है कि यह प्लास्टिक नहीं बल्कि फोर्टिफाइड चावल है और इसे FSSAI द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार सामान्य चावल में मिलाया जाता है।
श्रीनगर गढ़वाल के खाद्य अधिकारी विजय डोभाल ने मीडिया को बताया की उनके संज्ञान में इस भी इस तरह का वीडियो आया है जिसे उन्होंने भ्रामक वीडियों बताया है।विजय डोभाल के अनुसार ये चावल प्लास्टिक के नहीं फोर्टिफाइड चावल हैं जिसे केंद्र सरकार के निर्देश पर बीते दो-तीन सालों से सरकारी सस्ता गल्ला के माध्यम से राशन कार्ड धारकों को वितरित किया जा रहा है। उन्होंने फोर्टिफाइड चावलों के बारे में बताते हुए कहा कि ये फोर्टिफाइड चावल कर्नेल है जो सामान्य चावलों के पाउडर में आयरन, विटामिन एवं फोलिक एसिड मिलाकर मशीनों द्वारा चावल के आकार में बनाया जाता है। FSSAI द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार प्रति क्विंटल चावल में 1 किलो फोर्टिफाइड चावल कर्नेल मिलाया जाता है।
खाद्य अधिकारी के मुताबिक यह चावल आयरन, विटामिन एवं फोलिक एसिड जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण आयरन की कमी व एनीमिया रोग से बचाव में सहायक होते हैं। साथ ही फॉलिक एसिड शरीर में खून बनाने तथा विटामिन बी-12 नर्वस सिस्टम को नियंत्रित करने में सहायक होता है।
विजय डोभाल द्वारा उपभोक्ताओं से अनुरोध किया कि चावल को बीनते, धोते तथा बनाते समय फोर्टिफाइड चावलों को अलग न फेंके, अपितु उसका नियमित रूप से सेवन करें जिससे शरीर में आयरन, विटामिन एवं फोलिक एसिड की संतुलित मात्रा में पूर्ति होती रहे।
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